hindi shayari ishq
लिखने को हर दिन आधा इश्क़ लिखता हूँ
तुम आओगे तभी तो पूरा होगा
इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है
इश्क की गहराईयों में खूबसूरत क्या है
एक मैं हूँ एक तुम हो और ज़रुरत क्या है
इस कदर ये इश्क़ ऐसी साजिशें रचता है
कि मेरे चेहरे में उसका चेहरा दिखता है
शमा जली है मोहब्बत की परवाने पास आएंगे
माशूक निकले हैं सज धज कर
अब इश्क़ का माहोल बनाएंगे
हर वक़्त फ़िराकमें रहता है ये मेरा इश्क़
तुमसे मिलने को कहता है
प्यार का पहला इश्क़ का दूसरा
मोहब्बत का तीसरा अक्षर अधूरा होता है
इसलिए हम तुम्हे चाहते है
क्योंकि चाहत का हर अक्षर पूरा होता है
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिकों से
वो होता है और हो कर ही रहता है
इश्क़ का रोग भला कैसे पलेगा मुझ से
क़त्ल होता ही नहीं यार अना का मुझ से
इश्क कर लीजिए बेइंतेहा किताबो से
एक यही ऐसी चीज़ है
जो अपनी बातों से पलटा नही करती
इसे भी पढ़े:- Safar Shayari in Hindi