ishq aur maut shayari
इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही!
मोहब्बत नही थी तो एक बार समझाया तो होता
बेचारा दिल तुम्हारी ख़ामोशी को इश्क़ समझ बैठा
प्यार करना सीखा है नफरतो का कोई ठौर नही
बस तु ही तु है इस दिल मे दूसरा कोई और नही!
कितनी मासुम है दिल की ख्वाहिश
इश्क भी करना चाहता है और
खुश भी रहना चाहता है
किसी ने पूछा कभी इश्क हुआ था
हम मुस्कुरा के बोले आज भी है
तेरी बातों में जिक्र मेरा मेरी बातों में जिक्र तेरा
अजब सा ये इश्क हैं ना तु मेरी ना मैं तेरा
वो कहते है भूल जाओ पुरानी बातों को
कोई उसे समझाये कि इश्क़ कभी पुराना नहीं होता
आग थे इब्तिदा ए इश्क़ में हम
अब जो हैं ख़ाक इंतिहा है ये!
इश्क़ इक भारी पत्थर है
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है!
ना आह सुनाई दी ना तड़प दिखाई दी बर्बाद हो
गए तेरे इश्क में हम बड़ी खामोशी के साथ
इसे भी पढ़े:- Short love Shayari in English