ishq bhari shayari
तुम चाहो अगर तो लिख दो इश्क़ मेरी तकदीर में
तुमसे खूबसूरत इबादत तो जन्नत में भी नही
इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है
इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे
सुना है हश्र हैं उस की ग़ज़ाल सी आँखें
सुना है उस को हिरन दश्त भर के देखते हैं
नशा है इश्क़ खता है इश्क़
क्या करें यारो बड़ा दिलकश है इश्क़
बादशाह थे हम अपनी मिजाज ए मस्ती के
इश्क़ ने तेरे दीदार का फ़क़ीर बना दिया
फरवरी की एक सर्द शाम और साथ तुम्हारा हो
काश कुछ पल ही सही ख़्वाब ये सच हमारा हो
इक बात कहूँ इश्क़ बुरा तो नहीं मानोगे
बड़ी मौज के थे दिन तुमसे पहचान से पहले
इबादत ए इश्क बस इतना है तु रहे
सदा पास मेरे मै रहू सदा एहसासो मे तेरे
प्यार लिखने के लिए प्यार का होना बहुत जरूरी है
बिना जहर का स्वाद पिए कोई कैसे बता सकता है
मैं आदत हूँ उसकी वो ज़रूरत है मेरी
मैं फरमाइश हूँ उसकी वो इबादत है मेरी
इतनी आसानी से कैसे निकल दू उसे अपने दिल से
मैं ख्वाब हूँ उसका वो हक़ीक़त है मेरी !!
इसे भी पढ़े:- God Shayari