bewafa ishq shayari
क्या कहूँ तुमसे मैं क्या है इश्क !!
जान का रोग है बला है इश्क !!
चाहे कितनी भी तकलीफ दे इश्क़ !!
पर सुकून भी इश्क़ से ही मिलता है !!
इश्क का दस्तूर ही ऐसा है !!
जो इस को जन लेता है ये उसकी जान लेता है !!
इश्क़ है या कुछ और ये तो पता नहीं !!
पर जो तुमसे है वो किसी और से नही !!
अच्छा सुनो तुम अपना जरा ध्यान रखना !!
अभी मौसम बीमारी का भी हैं और इश्क का भी !!
इश्क़ इक भारी पत्थर है !!
कब ये तुझ ना तवाँ से उठता है !!
कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना !!
ये ज़िंदगी भर का रत जगा है !!
जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे !!
उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे !!
तुम चाहो अगर तो लिख दो इश्क़ मेरी तकदीर में !!
तुमसे खूबसूरत इबादत तो जन्नत में भी नही !!
लफ़्ज़ों से तुम मेरी तारीफ कर लो !!
इश्क हम तेरी आंखो में ढूँढ लेंगे !!
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