तूँ के घंटा रीस करैगी म्हारी !!
जिसी ज़िन्दगी तू जीणा चाहवै है नै !!
वा हमनै बर्बाद कर राखी हैं !!
तूँ के घंटा रीस करैगी म्हारी !!
जिसी ज़िन्दगी तू जीणा चाहवै है नै !!
वा हमनै बर्बाद कर राखी हैं !!
बेरा नी के होवैगा दुनिया का !!
पतझड़ के पत्तयाँ त ज्यादा तो !!
लोगां की सोच गिरदी जाण लागरी है !!
वक्त आने दो बन्दूक भी उठाएंगे !!
ट्रिगर भी दबाएँगे और गोली भी चलाएँगे !!
और उस पर राज नही करेंगे जिसे लोग कहते है दुनिया !!
लड़ लेना भले तू किसी राजा की तलवार से !!
मगर मेरे सामने आया तो !!
निपट जायेगा तू मेरी गोली की रफ़्तार से !!
मेरे तेवर का पैमाना नाप सके !!
तेरी औकात के थर्मामीटर में !!
इतनी Degree ही कहा !!
मैं बन्दुक की गोली की तरह हूँ !!
ना दिखाई देता हूँ ना सुनाई देता हूँ !!
सीधा दिल में घूस जाता हूँ !!
ये कम्बख़त दिल तो आज भी !!
गिल्ली-डंडा और बैट-बॉल में अटका है !!
सियासत ने तो हाथों में बंदूक और गोले थमा रखे हैं !!
वो लड़की भी क्या कमाल करती है !!
एक हाथ में कलम एक हाथ में बंदूक रखती है !!
न जाने किससे वार करती है !!
मगर घायल सबको सरेआम करती है !!
हमारे पटेल होने का अंदाजा तू क्या लगाएगी पगली !!
हम जब गांव से भी गुजरते हैं तो लडकियां भी कहती हैं, !!
भाड़ में गया काम पटेल साहब राम राम !!
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