मेरी शराफत को तुम बुझदिली का नाम मत दो !!
क्यूंकि दबे ने जब तक घोड़ा !!
तब तक बन्दूक भी खिलौना ही होता है !!
किसी ने मुझसे पूछा जिंदगी क्या है !!
मैंने हथेली पर थोड़ी सी धूल ली और !!
फूँक मार कर उड़ा दी !!
रहने दे मुझे अँधेरे में ए ग़ालिब !!
उजालो में मुझे अपनों के !!
असली चेहरे नज़र आ जाते है !!
अपना भला कौन क्या बिगाड़ेेगा !!
अपनी तो किस्मत उसने लिखी है !!
जिसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता !!
रास्ते मुश्किल हैं पर हम मंज़िल ज़रूर पायेंगे !!
ये जो किस्मत अकड़ कर बैठी हैं !!
इसे भी ज़रूर हरायेंगे !!
छोरी ने कहा पागल हो आप मैने कहा !!
सिर्फ आपके लिए वरना औरो की !!
तो इतना कहते ही सांसे रुक जाती है !!
शान से जीने का शोक है वो तो हम जियेंगे !!
बस तूं अपने आप को संभाल !!
हम तो युही चमकते रहेंगे !!
मौत Se न कभी Darta था न कभी डरूगा !!
मैं To अपने दोस्तो के Liye जीता था !!
जी रहा हूँ AUR जिऊगा भी !!
मै लोगो की तरह मिलावट नहीं करता !!
मोहब्बत हो या नफ़रत जो !!
भी करता हू 100% करता हूँ !!
बादशाह नहीं टाइगर हूँ मैं !!
इसलिए लोग इज्ज़त से नहीं !!
मेरी इजाज़त से मिलते हैं !!
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