अकेला आया था अकेला ही जाऊंगा !!
हाँ हारा हूँ एक ना एक दिन जीत के दिखाऊंगा !!
नखरे तो सिर्फ मम्मी पापा उठाते है !!
दुनिया वाले तो बस उंगली उठाते है ।।
कुछ सही तो कुछ खराब कहते है !!
लोग हमे बिगड़ा हुआ नवाब कहते है !!
सिर्फ जंगल छोड़ा है !!
याद रखना शेर तो आज भी हम ही है !!
ये खून जरा अभिमानी है !!
क्यूंकि हम बंदे खानदानी है !!
कोए धोखे तै बेशक मार दे पर कोए साला !!
आँखा म आँख घाल क ना मार सकदा !!
मैं बहता पानी हूँ !!
लोग मेरा रास्ता बदल सकते हैं मेरी मंज़िल नहीं !!
ज़िन्दगी अपनी है !!
तो जीने का अंदाज भी अपना ही होना चाहिए !!
जितना शरीफ बनोगे दुनिया उतना सताएगी !!
हरामी बनके जिओ दुनिया सलाम ठोक के जाएगी !!
दुश्मन कितना भी खतरनाक क्यों ना हो !!
अपनी एक झलक काफी है देहेसात के लिए !!
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