adhuri ishq shayari
मेरे इश्क़ से मिली है तेरे हुस्न को ये शौहरत !!
तेरा ज़िक्र ही कहाँ था मेरी दीवानगी से पहले !!
इश्क में जिसने भी बुरा हाल बना रखा है !!
वही कहता है अजी इश्क में क्या रखा है !!
कुछ तो शराफत सीख ले मोहब्बत तू शराब से !!
बोतल पर कम से कम लिखा तो होता है !!
कि मैं जानलेवा हूं !!
रब ना करें इश्क की कमी किसी !!
को सताए प्यार करो उसी से !!
जो तुम्हें दिल की हर बात बताए !!
कोहरा सा बनकर मेरे दिल पे छा गए हो !!
तुम्हारे सिवाय कुछ दिखता ही नहीं !!
अपनों की महफिल में गैर भी हैं इश्क के दुश्मन !!
और भी हैं मैं तो चाहता हूँ !!
आपको मगर आपके चाहने वाले और भी हैं !!
बरसों से कायम है इश्क़ अपने उसूलों पर !!
ये कल भी तकलीफ देता था ये आज भी तकलीफ देता है !!
इश्क एक नशा है दिल की चाहत है !!
दिलों का सरूर प्यार हो जाता है !!
नजरों से किसकी खता किसका कसूर !!
राख से भी आएगी खुशबू मोहब्बत की !!
मेरे खत तुम सरे आम जलाया ना करो !!
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के !!
पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई !!
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